Tuesday, 17 June

ज्योतिष शास्त्र में ग्रह नक्षत्र का बहुत महत्व बताया गया है. नक्षत्रों के मेल से बनने वाले विशेष योग को पंचक कहा जाता है. पंचक का अर्थ है पांच, यह चंद्रमा की स्थिति पर आधारित एक खगोलीय घटना है. जब चंद्रमा पांच नक्षत्रों से होकर गुजरता है, तो उसे पंचक कहा जाता है. पंचक के दौरान चन्द्रमा कुंभ और मीन राशि में रहते हैं, उस समय को पंचक कहते हैं.

ज्योतिष शास्त्र में पंचक को शुभ नहीं माना जाता है. इसीलिए पंचक को अशुभ नक्षत्रों में से एक माना जाता है. पंचक पांच नक्षत्रों के संयोग से बनता है. इन पांच नक्षत्रों में घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती हैं. पंचक हर माह में पांच दिन के लिए पड़ता है. जानते हैं इस माह जून में पंचक कब से लगने वाले हैं.

जून 2025 में पंचक कब?

    16 जून 2025, सोमवार को पंचक की शुरूआत होगी दोपहर 1.10 मिनट से पंचक लगेंगे.
    20 जून 2025 को पंचक समाप्त होंगे शुक्रवार को रात 9.45 पर यह समाप्त होंगे.

क्या होता है राज पंचक?
जून माह में पंचक की शुरूआत सोमवार के दिन हो रही है, इसीलिए इसे राज पंचक कहते हैं. ज्योतिष में राज पंचक को शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इन पांच दिनों में किए गए कार्यों में सफलता मिलती है. राज पंचक में सरकारी और संपत्ति से जुड़े कार्यों में सफलता मिलती है, इसीलिए राज पंचक के दौरान आप इन कार्यों से जुड़ सकते हैं और शुरूआत कर सकते हैं.

अन्यथा पंचक के दौरान शुभ कार्य करने वर्जित होते हैं. इस दौरान शुभ और मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण नहीं किए जाते हैं. पंचक में दक्षिण की ओर यात्रा करना, पंचक में शव जलाना, पंचक के दौरान मकान बनवाना या छत डलवाने को शुभ नहीं माना जाता है.

पंचक के दौरान मृत्यु होने पर क्या करें?
पंचक में मृत्यु को अशुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि पंचक के दौरान अगर किसी घर में मृत्यु होती है तो परिवार को संकटों का सामना करना पड़ सकता है. इसीलिए पंचक के दौरान परिवार वालों को उपाय करने की सलाह की जाती है. परिवार में किसी की भी मृत्यु होने पर शव के साथ पांच पुतले बनाकर दाह संस्कार किया जाता है.


Source : Agency

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