दमिश्क
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया के अंतरिम नेता अहमद अल-शारा से मुलाकात की थी। इसके अलावा अमेरिकी नेता ने सीरिया से प्रतिबंध हटाने का भी ऐलान किया है। कभी आतंकी रहे अहमद अल-शारा से डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात की दुनिया भर में चर्चा है। कई देशों और मीडिया की तरफ से आलोचना भी हो रही है। लेकिन सीरिया में जश्न जैसा माहौल है। बुधवार रात को ही सीरिया में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। ये लोग नाच रहे हैं और डोनाल्ड ट्रंप की तारीफें कर रहे हैं। आज उनके लिए वही अमेरिका दोस्त बन गया है, जिसे कभी वे ‘जानी दुश्मन’ मानते थे। इस तरह एक झटके में सीरिया में माहौल बदल गया है।
सीरिया के लोगों का कहना है कि अमेरिकी प्रतिबंध हटने के बाद अब उनके देश का आर्थिक विकास हो सकेगा। अब हम भी दुनिया की मुख्यधारा में आएंगे। जश्न मना रहे कई लोगों ने तो कहा कि यह सीरिया के नए जन्म जैसा है। इन लोगों का कहना है कि यह हमारे लिए कई दशक से चली आ रही तबाही से उबरने का एक रास्ता होगा। अब हमारे देश में भी निवेश आएगा और आर्थिक प्रगति की राह खुलेगी। वहीं अहमद अल शारा का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप का फैसला बहुत साहस भरा है। उन्होंने कहा कि अब एक नया और आधुनिक सीरिया खड़ा होगा। यह तो सीरिया के लिए पुनर्जन्म जैसा है।
टीवी पर देश को संबोधित करते हुए अहमद अल-शारा ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति का फैसला ऐतिहासिक और साहसी है। इससे सीरिया के लोगों की पीड़ा कम होगी। अब हम क्षेत्रीय शांति और स्थिरता में अपना योगदान दे सकेंगे। दरअसल सीरिया लंबे समय से गृह युद्ध की मार झेल रहा है। फिर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने कब्जा जमा लिया था। लंबे समय तक बशर अल असद और उनके परिवार की देश में तानाशाही रही। इसके चलते सीरिया की 90 फीसदी आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन गुजार रही है। अब सीरिया के लोगों को लगता है कि यह विकास की नई सुबह होगी।
गुरुवार को सुबह ही बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए। रात को भी जश्न चला। सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहे हैं, उसमें दिखता है कि लोग झंडे लहराते हुए झूम रहे हैं। दमिश्क के मशहूर उम्मैद स्क्वेयर पर हजारों लोगों का जमावड़ा दिखाई दिया। बैकग्राउंड में म्यूजिक बज रहा था और सीरिया के झंडे लहरा रहे थे। वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार जिहाद यजीगी नाम के एक शख्स ने कहा कि अब सरकार कोई बहाना नहीं कर पाएगी कि हमारे ऊपर अमेरिकी प्रतिबंध हैं। वह सीरिया रिपोर्ट के एडिटर भी हैं। वहीं एक अन्य शख्स हाजेम अल-लोदा ने कहा कि असद सरकार से निपटने के लिए अमेरिका ने पाबंदिया लगाई थीं, लेकिन इसे भुगत तो हमारे जैसे आम लोग ही रहे थे।
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