ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक ऐसे ओलंपिक का आयोजन किया जा रहा है जिसे आप शायद पहली बार सुन रहे होंगे। अब तक आपने पैरा-ओलंपिक, ओलंपिक, वर्ड कप जैसे कई खेलों के बारे में सुना होगा, लेकिन अगर आपने एनिमल ओलंपिक के बारे में नहीं सुना है तो जान लिजिए। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में ग्रामिण एनिमल ओलंपिक का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन भगवान जगन्नाथ की नगरी कुलैथा गांव में हो रहा है। हर साल की तरह इस साल तीसरी बार इस एनिमल ओलंपिक का आयोजन किया जा रहा है। इस ओलंपिक का मुख्य उद्देश्य देशी खेलों को बढ़ावा देना है। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर भी इस खेल को देखने पहुंचे थे।
ग्वालियर के कुलैथ गांव में एक अनोखी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है, जिसे एनिमल ओलंपिक कहते हैं। इसमें लोगों शारीरिक भाग दौड़ के साथ ही पशुओं के साथ मनुष्य के समन्वय और संबंध को स्थापित करने की कला भी देखने को मिलती है। ग्वालियर के कुलैथ गांव में कुछ प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जिनमें देशी और परंपरागत खेलों को शामिल किया जाता है। इस दौरान रस्सा कस्सी, दौड़, घुड़दौड़ और बैलों की दौड़ को शामिल किया जाता है। इस प्रतियोगिता में सैकड़ो प्रतिभागी शामिल होते हैं, तो वहीं हजारों की संख्या में लोग इस कार्यक्रम को देखने के लिए आते हैं।
बैलगाड़ी का दौड़ आकर्षण का केंद्र
इन प्रतियोगिताओं में सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र कुलेथ के मैदान में होने वाली बैलगाड़ीयों की दौड़ है। अनोखे एनिमल ओलंपिक को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग धूप में खड़े होकर प्रतीक्षा करते हैं। रेस के दौरान बैलों के पीछे एक विशेष प्रकार से तैयार की गई गाड़ी को लगाया जाता हैं, जिसमे दो पहिये लगे होते हैं। इस पर एक ही व्यक्ति सवार होता है, जो बैलों को दौड़ाता है। इस दौड़ में कई गांव के लोग अपने बैलों को दौड़ाते हैं, जिनका उत्साहवर्धन करने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं।
विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा…
विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भारतीय खेलों को बढ़ावा समाज के लोगों को भी देना चाहिए और सरकार को भी। बहुत सारे खेल ऐसे हैं, जिनके आयोजन में बहुत सारा पैसा लगता है। बैलगाड़ी दौड़ में कोई पैसा नहीं लगता है और इसमें ज्यादा बड़े मैदान की भी आवश्यकता नहीं पड़ती है। ऐसे खेलों को हमें बढ़ावा देना चाहिए।