भोपाल
मध्य प्रदेश के किसानों को भी अब केन्द्र सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना का लाभ मिल सकेगा. राज्य सरकार ने सिंचाई के लिए सोलर पंप लगाने की इस योजना में संशोधन कर इसे राज्य में लागू कर दिया है. इस योजना के तहत सभी किसानों को सोलर पंप लगाने का मौका फिलहाल नहीं मिल सकेगा. राज्य सरकार ने इसमें संशोधन किया है. इसके तहत योजना के पहले चरण में चुनिंदा किसानों को ही इस योजना का लाभ मिल सकेगा. अभी सिर्फ उन्हीं किसानों के खेतों पर सोलर पंप लगाए जाएंगे, जिन खेतों पर बिजली का स्थाई कनेक्शन मौजूद नहीं है. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को अपनी जेब से कितनी राशि खर्च करनी होगी यह भी साफ कर दिया है.
शुरूआत में किन किसानों को मिलेगा लाभ
राज्य सरकार ने योजना में संशोधन कर इसे लागू करने अधिसूचना जारी कर दी है. इसमें प्रावधान किया गया है कि योजना के लिए वह किसान पात्र होंगे, जिनकी भूमि पर अभी स्थाई बिजली कनेक्शन नहीं है. सोलर पंप लगाए जाने के पहले कृषि भूमि पर टैगिंग किया जाएगा, ताकि किसान को सोलर पंप और बिजली कनेक्शन दोनों के अनुदान का लाभ न मिल सके. इस योजना के दूसरे चरण में उन सभी किसानों के खेतों पर सोलर पंप लगाने के लिए अनुदान का लाभ दिया जाएगा, जिसके खेतों पर स्थाई बिजली कनेक्शन मौजूद है.
विभाग बनाएगा किसानों का डाटा बेस
नवीन एवं नवकरणीय विभाग बिजली कंपनियों की मदद से प्रदेश के किसानों का डाटाबेस तैयार करेगी. इसमें किसानों द्वारा लिए गए अस्थायी और स्थायी बिजली कनेक्शन उससे लिंक किए गए किसानों के समग्र, आधार का डाटा प्राप्त करेगी और उसे मध्य प्रदेश भू लेख की मदद से खसरा नंबर से लिंक किया जाएगा. इसके आधार पर ही किसानों को सोलर पंप के लिए ऋण और अनुदान दिया जाएगा. सोलर पंप लेने वाले किसानों से हितग्राही अंश की राशि पोर्टल के जरिए ही जमा कराई जाएगी. इससे किसानों का डाटा वैरीफाई किया जाएगा.
सोलर पंप के साथ ड्रिप, स्प्रिंकलर सिस्टम भी जोड़ा जाएगा
राज्य सरकार ने तय किया है कि सोलर पंप की इस योजना के साथ किसानों को ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा. इसमें भी किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, उद्यानिकी विभाग द्वारा अनुदान दिया जाता है. इससे किसानों को पानी की बचत होगी.
ऐसे कर सकेंगे योजना के लिए आवेदन
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम के वेब पोर्टल पर सोलर पंप के लिए आवेदन करना होगा.
हितग्राही का नाम, पता, आधार नंबर और मोबाइल नंबर भरना होगा.
भू -स्वामित्व संबंधी दस्तावेज का विवरण जैसे खसरा नंबर, ग्राम, आर.आई सर्कल, तहसील एवं जिला का नाम भरना होगा.
उस खसरे, खसरे के बटांकन पर सिंचाई का वर्तमान स्त्रोत बताना होगा.
कृषि भूमि के खसरों पर बिजली कनेक्शन है या नहीं ? यदि है, तो वह स्थाई या अस्थाई है?
आवेदन के बाद विभाग प्राथमिकता के आधार पर हितग्राहियों की सूची तैयार करेगी और इसके बाद सोलर पंप लगाए जाएंगे.
कितना मिलेगा अनुदान
3 एचपी सोलर पंप पर केन्द्र सरकार का अनुदान 30 फीसदी, कृषक ऋण 65 फीसदी और किसान द्वारा दी जाने वाली मार्जिन मनी 5 फीसदी.
3 एचपी सोलर पंप पर केन्द्र सरकार का अनुदान 30 फीसदी, कृषक ऋण 60 फीसदी और किसान द्वारा दी जाने वाले मार्जिन मनी 10 फीसदी.
सोलर पंप योजना के लाभ
प्रदेश में जिन किसानों के पास स्थायी विद्युत कनेक्शन नहीं है, वे इस योजना के पात्र होंगे। सोलर पंप की लागत का 5-10 प्रतिशत हिस्सा किसान को देना होगा, जिसमें तीन हार्स पावर से कम के पंप के लिए 5 प्रतिशत और उससे अधिक के लिए 10 प्रतिशत अंशदान निर्धारित है।
30 प्रतिशत अनुदान भारत सरकार द्वारा कुसुम योजना के तहत दिया जाएगा। शेष 60-65 प्रतिशत राशि बैंक ऋण के रूप में उपलब्ध होगी, जिसका भुगतान राज्य सरकार करेगी। ऊर्जा विकास निगम का सर्विस चार्ज भी किसानों से नहीं लिया जाएगा। सोलर पंप की दरें निविदा के आधार पर तय होंगी, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
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