भोपाल
विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रों का परिसीमन नहीं हुआ तो प्रदेश में नगरीय निकायों के चुनाव 2027 में होंगे। कांग्रेस ने इसकी तैयारी अभी से प्रारंभ की है। प्रत्याशी चयन से लेकर बूथ प्रबंधन तक का काम देखने के लिए अलग से टीम बनाई जा रही है। इसमें उन नेताओं को रखा जाएगा, जिन्हें चुनाव लड़ाने का अनुभव है। जिला और ब्लाॅक कांग्रेस इकाई की प्रत्याशी चयन में महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। पार्टी का प्रयास है कि स्थानीय और जातीय समीकरणों को देखते हुए प्रत्याशी चयन का काम एक वर्ष पूर्व पूरा कर लिया जाए ताकि संबंधित को काम करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाए। वर्ष 2022 में हुए नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस ने लंबे समय बाद बेहतर प्रदर्शन करते हुए पांच नगर निगम में जीत दर्ज की थी।
ग्वालियर, मुरैना, रीवा, छिंदवाड़ा और जबलपुर में कांग्रेस के महापौर बने थे। इसी तरह नगर पालिका और नगर परिषद में भी पार्षद बने थे। कालांतर में विभिन्न कारणों से जबलपुर, छिंदवाड़ा और मुरैना महापौर का पार्टी से मोहभंग हुआ और उन्होंने भाजपा की सदस्यता ले ली। छिंदवाड़ा के महापौर विक्रम अहाके को लेकर असमंजस आज भी बना हुआ है क्योंकि वह लोकसभा चुनाव के समय भाजपा में शामिल हो गए थे और कुछ दिनों बाद फिर वापसी का दावा किया गया। पार्टी के अच्छे प्रदर्शन का बड़ा कारण नए चेहरों पर दांव लगाना और समय से पहले प्रत्याशी को लेकर स्थिति स्पष्ट कर देना था।
यही काम 2027 में होने वाले निकाय चुनाव के लिए भी अभी से किया जा रहा है। इसके लिए अलग से पूरी टीम बनाई जा रही है, जिसका काम केवल निकाय चुनाव पर फोकस करना रहेगा।
प्रत्याशी चयन से लेकर चुनाव प्रबंधन तक में इसकी भूमिका निर्णायक रहेगी।
सूत्रों का कहना है कि प्रत्याशी चयन में इस बार जिला और ब्लाक इकाइयों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। सर्वे में जिनका नाम प्रमुखता से सामने आएगा, उन पर स्थानीय इकाइयों के अध्यक्षों की राय ली जाएगी।
यदि सहमति बनती है तो फिर जिला प्रभारी के माध्यम से प्रस्ताव प्रदेश कांग्रेस कमेटी को अंतिम निर्णय के लिए भेजा जाएगा।
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