भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में राज्य सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नारी सशक्तिकरण के संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाने में जुटा हुआ है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि हमने पुण्य-श्लोका लोकमाता अहिल्यबाई होल्कर के 300वें जयंती वर्ष में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के गरीब, युवा, किसान और नारी (GYAN) पर ध्यान के ध्येय मंत्र पर चलते हुए लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के नाम से महिला सशक्तिकरण के मिशन को लॉन्च किया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के मंत्र में शामिल चौथे स्तंभ नारी के समग्र विकास के लिए ‘देवी अहिल्याबाई नारी सशक्तिकरण मिशन’ बनाया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आशा व्यक्त की है कि इस मिशन’ से प्रदेश की नारी शक्ति आत्मनिर्भर बनेगी। मिशन के क्रियान्वयन से आने वाले वर्षों में महिलाओं की स्थिति में सकारात्मक बदलाव आएगा और वह राज्य की सामाजिक और आर्थिक प्रगति को भी गतिशील बनाएंगी। नारी सशक्तिकरण से ही प्रदेश और देश आज सशक्त और समृद्ध हो रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि महिलाओं को अधिकार देने से समाज में सकारात्मक बदलाव आते हैं इसीलिये भारत में अनादिकाल से ही मातृ-शक्ति के सम्मान की परंपरा है। सनातन संस्कृति में शक्ति, धन आदि सभी महत्वपूर्ण मानवीय उत्थान के कारकों को देवियों के माध्यम से अभिव्यक्त किया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मार्गदर्शन में राज्य में क्रांतिकारी योजनाएं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि महिलाओं को अधिकार और अवसर देना सामाजिक दायित्व के साथ ही देश को सशक्त और समृद्ध बनाने का मूल आधार है। नारी सशक्तिकरण की दिशा में राज्य सरकार की योजनाएं राष्ट्रीय स्तर पर मिसाल बन गई हैं। इसी उद्देश्य से बने ‘देवी अहिल्याबाई नारी सशक्तिकरण मिशन’ के लक्ष्यों में जन्म के समय लिंगानुपात में 5 प्रति हज़ार की वृद्धि, बालिका शिक्षा में 5% की वृद्धि, मातृ मृत्यु दर में 10 प्रति हजार की कमी, महिला अपराधों में 5 प्रतिशत की कमी, बाल विवाह रोकने और श्रम-बल भागीदारी दर में महिलाओं की भागीदारी में 3 प्रतिशत तक वृद्धि करना प्रमुख हैं।
महिला सुरक्षा, स्वास्थ्य और शिक्षा पर विशेष फोकस
प्रदेश के सभी जिलों में वन स्टॉप सेंटर स्थापित किए गए हैं। इनसे अब तक 1.27 लाख से अधिक संकटग्रस्त महिलाओं को मदद मिली है। अब तक 1.57 लाख से अधिक महिलाओं को महिला हेल्पलाइन नं. 181 से सहायता मिली है। इस सेवा में सहायता, पुलिस और बाल हेल्पलाइन के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य किया जा रहा है। वर्ष 2024-25 में 6.3 लाख से अधिक गर्भवती महिलाओं को ‘प्रधानमंत्री मातृ वंदना’ योजना में आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई है। ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना में 11 हजार बालिकाओं को प्रतियोगी प्रशिक्षण और 2.6 लाख से अधिक को प्रतिभागी संवेदनशीलता अभियानों में शामिल किया गया है।
महिला श्रमिकों को फैक्ट्रियों में 24×7 कार्य की अनुमति— सुरक्षा, सुविधा और समान अवसर सुनिश्चित कराए जाने के उद्देश्य से वूमेन एटरप्रन्योर के लिए डेडिकेटेड इंडस्ट्री पार्क की स्थापना की गई है। औद्योगिक क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं के लिए सुरक्षा-सुलभ आवासीय सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। विशेष रूप से लॉजिस्टिक्स,टेक्सटाइल और मैन्यूफैक्चरिंग जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कामकाजी महिला हॉस्टल्स का निर्माण किया जा रहा है।
आर्थिक सशक्तिकरण की योजनाएं
मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में 1.27 करोड़ महिलाओं को प्रतिमाह ₹1,552 करोड़ की सहायता प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना में अब तक 50 लाख से अधिक बालिकाएं पंजीकृत हुई हैं। इन्हें डिजिटल साक्षरता प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है। महिला वित्त एवं विकास निगम से 30 हजार से अधिक महिला स्व-सहायता समूहों को अब तक ₹648 लाख से अधिक का ब्याज अनुदान उपलब्ध कराया गया है। प्रदेश भर में 169 दीदी कैफे और 219 ई-एक्सप्रेस वाहनों से महिलाओं के लिए आजीविका संवर्धन का कार्य किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण के अंतर्गत महिलाओं के सशक्तिकरण के उद्देश्य से परिवार की महिला सदस्यों के नाम से पंजीकरण को प्रोत्साहित किया जाता है। योजना अंतर्गत प्रदेश में अब तक 729162 से अधिक आवास परिवार की महिला सदस्यों के नाम से स्वीकृत किये गए हैं। इसके साथ ही 1956988 से अधिक आवास परिवार के पुरुषों के साथ संयुक्त रूप से पंजीकृत कराए गए हैं। इस तरह परिवार की महिला सदस्यों को अब तक 49.08 लाख आवासों में 26.86 लाख (54.72%) आवास अवंटित किये गए हैं।
स्वरोजगार और कौशल विकास
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना में 54 हजार से अधिक युवतियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। आरसेटी के माध्यम से 2.8 लाख से अधिक ग्रामीण युवतियों को स्वरोजगार प्रशिक्षण दिलाया गया है। एमएसएमई नीति 2025 में महिला उद्यमियों को 50% तक पूंजी अनुदान का प्रावधान किया गया है। अब तक 2.8 लाख से अधिक महिला उद्यमों की स्थापना कराई गई है, सभी को पूंजी अनुदान उपलब्ध कराया गया है। मध्यप्रदेश उद्योग संवर्धन नीति-2025 के अंतर्गत राज्य महिलाओं के रोजगार को प्राथमिकता दे रहा है। परिधान और अन्य श्रम-प्रधान उद्योग इकाइयों के महिला कार्यबल पर आधाररत होने पर विशेष सहायता के रूप में प्रति कर्मचारी ₹5,000 तक मासिक रोजगार सृजन सहायता प्रदान की जाती है। ऐसे महिला श्रमिक आधारित उद्योगों को आकर्षित करने के लिए, परिधान, फुटवियर, खिलौने और एसेसरीजी जैसे क्षेत्रों में निवेश के लिए 200% तक प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है।
Source : Agency