रांची
सेना की मिलिट्री इंटेलिजेंस टीम और झारखंड एटीएस ने रांची के बूटी मोड़ की एक दुकान में शुक्रवार की शाम छापेमारी की। छापेमारी में दुकान से नकली व युद्ध के दौरान प्रयोग में लाई जाने वाली वर्दी समेत इससे संबंधित कई थान कपड़े बरामद किए गए। वर्दी और कपड़े समेत दुकान संचालक को सदर थाने की पुलिस को सौंप दिया गया।
बता दें कि उक्त कार्रवाई भारतीय सेना की लखनऊ खुफिया एजेंसी से मिली सूचना के आधार पर की गई। हालांकि देर शाम सदर थाना प्रभारी कुलदीप ने बताया कि जरूरी पूछताछ के बाद दुकानदार को जरूरी होने पर फिर से हाजिर होने की शर्त पर पीआर बांड पर छोड़ दिया गया। वर्दी और कपड़े की बरामदगी को लेकर किसी स्तर से शुक्रवार शाम तक कोई लिखित शिकायत नहीं की गई थी। बताया गया कि बरामद नकली वर्दी और कपड़े की जांच विशेष टीम करेगी। सेना का मानना है कि बाजार में खुलेआम दुकान में उपलब्ध सेना की वर्दी का प्रयोग राष्ट्र विरोधी काम में किए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। वर्दी के खुलेआम उपलब्ध रहने से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है। ज्ञात हो कि रांची में सेना, पुलिस, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ सहित अर्धसैनिक बलों की वर्दी सिलाई का काम कई स्थानों पर होता है। इसकी अवहेलना करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब हो कि जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम की बैसरन घाटी में मंगलवार को 28 निहत्थे पर्यटकों की हमला कर हत्या करने वाले आतंकवादियों ने सेना की वर्दी पहनकर वारदात को अंजाम दिया तो हर ओर हड़कंप मचा गया था। इसके बाद सेना या दूसरी सुरक्षा एजेंसियों की वर्दी या इससे मिलती-जुलती वर्दी आम लोगों को बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
सिविलियंस फोर्स की वर्दी पहनें तो कार्रवाई
एसएसपी ने कहा था कि झारखंड अभी भी नक्सल प्रभावित राज्य माना जाता है। इसलिए यहां पुलिस मुख्यालय द्वारा पूर्व से ही एक आदेश जारी है। इसमें सिविलियंस द्वारा किसी भी फोर्स की वर्दी पहनने पर रोक है। निर्देशों का पालन नहीं करने वालों पर कार्रवाई करने के भी निर्देश हैं।
वर्दी लेने वाले लोगों को देना होगा पहचान पत्र
रांची समेत पूरे राज्य में सेना, सीआरपीएफ, पुलिस सहित अन्य सुरक्षा एजेंसियों की वर्दी आम लोगों को अब नहीं मिलेगी। इस तरह की वर्दी खरीदने के लिए पहले से सख्त कानून है। लेकिन अब इसे सख्ती से लागू कराने के लिए वर्दी लेने वाले को अपना पहचान पत्र देना होगा।
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