Updated on 29 Nov, 2022 09:15 AM IST BY

मुंबई । सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एमएमआरसीएल) को मुंबई की आरे कॉलोनी में अपनी कार शेड परियोजना में ‘ट्रेन रैंप के निर्माण के लिए 84 पेड़ों को काटने की अर्जी संबंधित प्राधिकार के समक्ष रखने की अनुमति दे दी। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने मुंबई मेट्रो की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर गौर किया कि कार शेड में ट्रेन के लिए रैंप बनाने को लेकर 84 पेड़ों की कटाई की जरूरत है।
पीठ ने कहा एमएमआरसीएल को 84 पेड़ काटने के लिए वृक्ष प्राधिकरण के समक्ष अपनी अर्जी को रखने की अनुमति दी जानी चाहिए। इसके साथ ही पीठ ने मेट्रो परियोजना के खिलाफ मुख्य अर्जियों पर अगले साल फरवरी में अंतिम सुनवाई निर्धारित की। इससे पूर्व शीर्ष अदालत ने 2019 में कानून के छात्र ऋषव रंजन द्वारा प्रधान न्यायाधीश को संबोधित एक पत्र का याचिका के तौर पर स्वत: संज्ञान लिया था जिसमें आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया था। शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल द्वारा कोई और पेड़ नहीं काटे जाने के संबंध में हलफनामा देने के बाद अधिकारियों को और पेड़ काटने से रोक दिया था। आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई का पर्यावरणविद और वहां के निवासी विरोध कर रहे हैं।