नई दिल्ली । स्कूल-कॉलेज में एडमिशन लेने, आधार कार्ड, पैन कार्ड और पासपोर्ट जैसे डॉक्युमेंट्स बनाने के लिए सरकारी दफ्तरों में कई तरह के दूसरे डॉक्युमेंट्स मांगे जाते हैं। लेकिन अब केवल एक डाक्यूमेंट से ही ये सब बन जाएंगे। हालांकि अलग अलग डाक्यूमेंट्स में डेट ऑफ बर्थ का प्रूफ, एड्रेस प्रूफ, इनकम सर्टिफिकेट आदि शामिल हैं। इससे कई बार आपको बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है और डॉक्युमेंट्स बनने में बहुत समय लग जाता है। अब इस समस्या का समाधान करने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही एक नया कानून लागू करने वाली है, जो लगभग सभी जरूरी कार्यों के लिए केवल बर्थ सर्टिफिकेट को प्रूफ के तौर पर इस्तेमाल करने की छूट देता है। इस कानून के लिए संसद ने पिछले मानसून सत्र में जन्म और मृत्यु पंजीकरण संशोधन अधिनियम, 2023 पारित किया, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 11 अगस्त को अपनी सहमति दे दी। 1 अक्टूबर से एक नया संशोधित कानून प्रभावी होने जा रहा है जो स्कूल-कॉलेजों में एडमिशन, ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने, आधार कार्ड या पासपोर्ट बनाने के लिए आवेदन करने और विवाह के पंजीकरण जैसे कई कार्यों और सेवाओं के लिए एकल दस्तावेज के रूप में जन्म प्रमाण पत्र के उपयोग की सुविधा प्रदान करेगा। यह कानून पंजीकृत जन्म और मृत्यु के राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय डेटाबेस बनाने के लिए जन्म और मृत्यु के प्रमाण पत्रों के डिजिटल पंजीकरण और इलेक्ट्रॉनिक वितरण करने की सुविधा प्रदान करेगा।
सरकार का कहना है कि इससे नागरिकों के जन्म और मृत्यु के बारे में अधिक सटीक और विश्वसनीय जानकारी उपलब्ध होगी। इसके अलावा लोगों को विभिन्न सरकारी सेवाओं तक पहुंचने में भी आसानी होगी। सरकार बर्थ सर्टिफिकेट की प्रक्रिया भी आसान बना रही है, ताकि इसे प्राप्त करने में कठिनाई का सामना न करना पड़े। यह कानून गोद लिए गए, अनाथ, परित्यक्त, आत्मसमर्पण किए गए, सरोगेट बच्चे और एकल माता-पिता या अविवाहित मां के बच्चे की पंजीकरण प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने का प्रावधान करता है। सभी चिकित्सा संस्थानों के लिए रजिस्ट्रार को मृत्यु के कारण का प्रमाण पत्र प्रदान करना अनिवार्य बनाता है।
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