शादी को सात जन्मों का रिश्ता माना जाता है, लेकिन आपसी मनमुटाव, वैचारिक मतभेद और अन्य कारणों से यह रिश्ता कुछ ही दिनों बाद टूट जाता है। बीते कुछ सालों से भारत में तलाक के मामले काफी तेजी से बढ़ने लगे हैं।आखिर किन कारणों की वजह से तलाक की नौबत आती है। भूमिकाओं में हुआ है बदलाव पहले महिलाओं को घर संभालने की जिम्मेदारी दी जाती थी और पुरुष बाहर का काम देखते थे। हालांकि, पिछले कुछ सालों में यह भूमिकाएं बदली हैं। ऐसी कई महिलाएं हैं, जो ऑफिस जाती हैं और उनके पति घर के कामों में भी मदद करते हैं। लेकिन फिर भी भूमिकाओं में आए ये बदलाव कई बार तनाव का कारण बनते हैं।
कपल्स में लड़ाई-झगड़े होना काफी आम है। कहा जाता है कि नाराजगी और झगड़ों की वजह से रिश्ते में प्यार बरकरार रहता है। लेकिन कई बार ये मनमुटाव इतना बढ़ जाता है कि लोग शादी को खत्म करने का फैसला करते हैं।
आमदनी या पैसों से जुड़ी समस्याएं अक्सर तलाक के प्रमुख कारणों में देखी जाती हैं। पैसों की तंगी अच्छे से अच्छे रिश्ते पर भी दबाव डाल देती है। खर्च करने की आदतों, कर्ज और बचत की प्राथमिकताओं पर असहमति से भी शादी में तनाव और दिक्कत शुरू हो जाती हैं।
शादी के बाद पार्टनर का किसी और से संबंध कई रिश्तों को तोड़ चुका है। आज की जिंदगी में सोशल मीडिया और ऑनलाइन डेटिंग साइट्स तक पहुंच काफी आसान हो गई है, जिसकी वजह से शादी में बेवफाई के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस तरह के रिश्ते एक पति और पत्नी के बीच के भरोसे को खत्म करते हैं, जिससे रिश्ता भी अंत की ओर जाने लगता है।
बातचीत रखना किसी भी रिश्ते की नींव मानी जाती है। जब कपल्स के बीच उचित कम्यूनिकेशन नहीं होता, तो उनके बीच गलतफहमियां और झगड़े होना शुरू हो जाते हैं और इसी तरह दूरियां पैदा होने लगती हैं।
कई बार देखा जाता है कि पार्टनर जैसा है उसे उसी तरह स्वीकार करने में कई लोग दिक्कत महसूस करते हैं। वे उनकी दूसरे लोगों से तुलना करने लगते हैं। वे अपनी ख्वाहिशों और आकांक्षाओं के लिए कंट्रोल करने या फिर चालाकी से काम निकलवाने की कोशिश करते हैं। जिससे रिश्ते में निराशा और आत्म-संदेह पैदा होता है।
अवसाद, एंग्जायटी, ड्रग्स का उपयोग और इसी तरह की दूसरी मानसिक स्थितियां एक कपल के रिश्ते पर भारी असर डालती हैं। जो तनाव, परेशानी और संघर्ष की वजह बनते हैं।