कालकाजी निर्वाचन क्षेत्र से आप विधायक ने जोर देकर कहा कि सैकड़ों घंटे की जांच, 500 से अधिक अधिकारियों की पूर्णकालिक तैनाती, हजारों पन्नों की चार्जशीट और 50 घंटे से अधिक की छापेमारी के बावजूद जांच एजेंसियां भ्रष्टाचार को साबित करने में सक्षम नहीं हैं। सिसौदिया के खिलाफ एक रुपये की भी गड़बड़ी नहीं मिली, फिर भी उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कहा कि पुलिस हिरासत में प्रताड़ना देने, दबाव बनाने और लोगों को झूठे बयान पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर करने की कहानियां अक्सर सुनने को मिलती हैं। उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री के साथ ऐसा हो सकता है तो यह पूरे देश के लिए बड़ी चिंता का विषय है और भविष्य में किसी के साथ भी ऐसा होने की संभावना है।
आतिशी ने आगे कहा कि सीबीआई की पहली चार्जशीट में न तो सिसौदिया का नाम था और न ही जांच एजेंसी के सप्लीमेंट्री चार्जशीट में उनका नाम था। उन्होंने कहा कि भविष्यवाणी की गई थी कि उनका नाम ईडी की चार्जशीट पर आ सकता है। हालांकि, ईडी द्वारा पेश चार्जशीट में मनीष सिसौदिया का नाम भी नहीं था, उनके खिलाफ सीबीआई और ईडी के पास कोई सबूत नहीं है। आप विधायक ने सीबीआई पर अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए सिसौदिया को बिना किसी सबूत के गिरफ्तार करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उन्हें जांच में सहयोग न करने के झूठे आरोप के आधार पर गिरफ्तार किया गया और उसकी गिरफ्तारी किसी सबूत या दस्तावेजी सबूत के आधार पर नहीं की गई है। यह महज राजनीतिक ड्रामा है।