हम यह भली भांति जानते हैं कि धातु के तारों द्वारा विद्युत एक स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी से जा सकती है. प्रकाश भी ठीक उसी प्रकार तारों द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जा सकता है, लेकिन धातु के तारों में से नहीं. प्रकाश को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए कांच के तंतु (Fibres) प्रयोग में लाए जाते हैं. ये तंतु बहुत बारीक होते हैं. विज्ञान की वह शाखा जिस में प्रकाश के द्वारा संचरण का अध्ययन किया जाता है, तंतु प्रकाशको या फाइबर ऑप्टिक (Fibre Optics) कहलाती है.
ब्रिटेन भौतिकशास्त्री जान टिंडल ने सन् 1870 में सर्वप्रथम यह सिद्ध किया कि प्रकाश कांच या पारदर्शी प्लास्टिक की छड़ के द्वारा टेढ़े-मेढ़े रास्ते से होता हुआ एक स्थान तक जा सकता है. प्रकाश को पारदर्शी कांच की छड़ में से होकर संचरित होना पूर्ण रूप से आंतरिक परावर्तन की क्रिया द्वारा होता है. प्रकाश तंतु की दीवारों से बार-बार परावर्तित होकर टेढ़े-मेढ़े रास्ते से आगे बढ़ता जाता है.
फाइबर ऑप्टिक के मध्य भाग को कोर (Core) कहते हैं, जो अधिक अपवर्तनांक वाले कांच से बनी होती है, तथा इस कोर के चारों ओर एक कम अपवर्तनांक के कांच की पतली सतह होती है. कोर में होकर प्रकाश आगे बढ़ता है, तथा बारीक सतह प्रकाश को तंतु से बाहर नहीं जाने देती.
प्रकाश-तंतु एक विशेष भट्ठी द्वारा कांच की मोटी छड़ में से बनाए जाते हैं. अधिक अपवर्तनांक के कांच की छड़ को कम अपवर्तनांक के कांच की एक नली में डाल दिया जाता है. इन दोनों को एक ऊर्ध्वाधर भट्ठी में से गुजारा जाता है. जैसे-जैसे कांच पिघलता है, वैसे ही वैसे एक मोटर द्वारा एक तंतु खींचा जाता है, जो एक ड्रम पर लिपटता रहता है. इस विधि से 0.025 मिमी. व्यास के लंबे तंतु खींच लिए जाते हैं. इस विधि से खींचे गए तारों को अब एक बंडल के रूप में सीधी रेखाओं में व्यवस्थित करते है. नियम से एक तंतु दूसरे तंतु को क्रास नहीं करता. ऐसा होने पर प्रकाश के चलने में बाधा पड़ती है. एक बार सीधी रेखाओं में सभी तंतुओं को व्यवस्थित कर लेने पर इस बंडल को किसी भी तरह मोड़ा जा सकता है.
कांच के तंतुओं से बनी केवल को बहुत से कामों में प्रयोग किया जाता है. डॉक्टर इस केबल द्वारा शरीर के अंदर के विकारों को, खास तौर से पेट के रोगों की जांच करने के लिए बाहर से प्रकाश भेजकर इस्तेमाल करता है, इन यंत्रों को फाइबरस्कोप (Fibre- scope) कहते हैं. फाइबर बंडल को व्लेडर या पेट में प्रवेश कराकर आंतरिक अंगों के फोटो भी लिए जा सकते हैं.
फाइबर आप्टिक ग्लास के तार मानव बाल के एक कतरे के व्यास के बराबर होते हैं और जब इन्हें फाइबर-ऑप्टिक केबल (Fibre-optic Cable) में बांधा जाता है, तो वे अन्य माध्यमों की तुलना में लंबी दूरी पर और बहुत तेजी से अधिक डेटा संचारित करते हैं.
अब फाइबर आप्टिक तारों (Fibre-optic Cables) का इस्तेमाल हाई स्पीड इंटरनेट, डाटा ट्रांसफ, टेलीविजन चैनल सर्विसेज में उपयोग दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा है.