Monday, 20 May

ग्रहों के चारों ओर जो छोटे-छोटे पिंड चक्कर काटते के हैं उन्हें उपग्रह कहते हैं. उदाहरण के लिए चंद्रमा हमारी पृथ्वी का एक उपग्रह है. यह पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता है. अब मानव ने इतनी वैज्ञानिक उन्नति कर लो है कि वह छोटे-छोटे कृत्रिम उपग्रह बना कर अंतरिक्ष में भेजने लगा है. कृत्रिम उपग्रह भी प्राकृतिक उपग्रहों की भांति ग्रहों का चक्कर लगाते हैं, लेकिन ये आकार में उनसे बहुत छोटे होते हैं. वैज्ञानिकों द्वारा अभी तक अनेकों कृत्रिम उपग्रह अंतरिक्ष में छोड़े जा चुके हैं. इनमें से कुछ सौर मंडल के ग्रहों का चक्कर लगा रहे हैं और कुछ पृथ्वी का.

मनुष्य ने प्रथम कृत्रिम उपग्रह अंतरिक्ष में कब भेजा ?

प्रथम कृत्रिम उपग्रह पूर्ववर्ती सोवियत रूस (USSR) ने 4 अक्तूबर 1957 को भेजा था. इसका नाम स्पुतनिक 1 (Sputnik-1) था. रूसी भाषा में स्पुतनिक का अर्थ होता है-‘सफर का साथी’. स्पुतनिक प्रथम आकार में गोल था. इसका अर्धव्यास 58 सेमी. और भार 83 किग्रा. था. यह 96 मिनट में पृथ्वी का एक चक्कर लगाता था. इसके एक माह बाद सोवियत रूस के वैज्ञानिकों ने स्पुतनिक-2 (Sputnik-2) नामक कृत्रिम उपग्रह छोड़ा स्युतनिक-2 का कुल भार 500 किग्रा. था. इसके अंदर लाइका नाम की एक कुतिया बैठा कर भेजी गई थी. यह अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम गरम खून वाली जीव थी. इससे यह पता चल गया कि मनुष्य भी अंतरिक्ष यान में बैठ कर जा सकता है. सन् 1961 में सोवियत रूस के वोस्तक-1 (Vostak-1) नामक अंतरिक्ष यान में पूरी गैगरीन एक अंतरिक्ष यात्री के रूप में बैठ कर गये और पृथ्वी की परिक्रमा की.

अमेरिका के प्रथम अंतरिक्ष यान का नाम’ एक्सप्लोरर-1′ (Explorer-1) था. इसका वजन 14 किग्रा. था. यह 31 जनवरी, 1958 को छोड़ा गया था. अमेरिका के प्रथम अंतरिक्ष यात्री का नाम है जोन ग्लेन, वह 1962 में फ्रेंडशिप-7 नामक अंतरिक्ष यान में बैठ कर गया था. प्रथम महिला अंतरिक्ष यात्री सोवियत रूस की वेलेन्तीन तेरेस्कोवा (Valentina Tereshkova) थीं, जो सन् 1963 में वोस्तोक 6 नामक एक अंतरिक्ष यान में बैठ कर अंतरिक्ष में गई.

1965 में, एलेक्सी लियोनोव (Alexey Leonov) अंतरिक्ष में टहलने वाले पहले व्यक्ति बने. 1969 में, नील आर्मस्ट्रांग (Neil Armstrong) और एडविन “बज़” एल्ड्रिन (Edwin “Buzz” Aldrin) चंद्रमा पर कदम रखने वाले पहले इंसान बने. 1981 में, कल्पना चावला (Kalpana Chawla) अंतरिक्ष यात्रा करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं.

कृत्रिम उपग्रह अंतरिक्ष में क्या कार्य करते हैं?

कृत्रिम उपग्रह का उपयोग टी.वी. और रेडियो दूरसंचार, मौसम की भविष्यवाणी करने, भौगोलिक सर्वेक्षण करने, अंतरराष्ट्रीय टेलीफोन संवादों, सुरक्षा उपायों, जासूसी करने, दूरस्थ ग्रह-नक्षत्रों का अध्ययन करने, फसलों के बारे में जानकारी पाने, सागरों का अध्ययन करने आदि से संबंधित कार्यों के लिए किया जाता है. उदाहरण के लिए दूरसंचार कृत्रिम उपग्रह, मौसम कृत्रिम उपग्रह, वैज्ञानिक कृत्रिम उपग्रह आदि कुछ कृत्रिम उपग्रह एक साथ कई कार्य करते हैं, उन्हें बहुउद्देश्यीय कृत्रिम उपग्रह कहते हैं.

Share.
Exit mobile version